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कैद जहाँ मैं हूँ, की जाए कैद वहीं पर मधुशाला।।८८। कर ले, कर ले कंजूसी तू मुझको देने में हाला, यम ले चलता है मुझको तो, चलने दे लेकर हाला, वे
कैद जहाँ मैं हूँ, की जाए कैद वहीं पर मधुशाला।।८८। कर ले, कर ले कंजूसी तू मुझको देने में हाला, यम ले चलता है मुझको तो, चलने दे लेकर हाला, वे